जब मेरे घर नानी आई,
थी थाली भर खोया लाई,
तब हम सबने चीख लगाई,
मम्मी अब तो बने मिठाई .
मम्मी ने पहले ना माना,
पर चल सका ना एक बहाना,
मम्मी अब थी गयी रसोई ,
और बनाने लगी मिठाई .
डब्बू,पिंटू ,बब्लू आये ,
डाली ,कमला ,बबली आयी,
रसगुल्ला , छेना और बर्फी ,
मीठी - गुझिया- रसमलाई.
अब हम सब है मौज मानते,
नाच -नाचते गाना -गाते ,
मम्मी ने आवाज लगाई,
बच्चों है बन गयी मिठाई .
नटखट दीप का रोना जरी,
मुझे मिठाई खनी सारी,
मम्मी ने उसे पास बुलाया ,
फिर धीरे से था समझाया.
जो होते है अच्छे बच्चे ,
जो होते मन के सच्चे ,
खाते है मिल -बाट मिठाई ,
जब मेरे घर नानी आयी.
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