बुधवार, 17 नवंबर 2010

प्रेम पेटिका

              
                            (पहली)



लाल रोशनी , धीमी -आहट  ,रातो का भी क्या कहना,
रात वो आधी , बात आधूरी ,वादों का भी क्या कहना.

धनुषाकृत भौ, लम्बे केश , ग्रीवा का भी क्या कहना ,
आखों में सुरमा , माथे पर बिंदिया , होठो का भी क्या कहना .

चाँद सा टुकड़ा , भोला मुखड़ा , मुखड़े का भी क्या कहना,
उनकी अदाए , उनके इसारे ,धड़कन का भी क्या कहना.