शनिवार, 13 नवंबर 2010

हाँ तुम !

तुम्हारे नील -झील से नैन ,
और लहराते काले बाल,
तुम्हारी मन-मोहक मुस्कान ,
हमारी आँखों का व्यवहार .

तुम्हारे नयन -नक्श विशाल ,
तिस पर अरे ओढ़नी  लाल,
 हवा से उड़े ओढ़नी लाल,
हवा का बन जाऊ , मै काल.

तुम्हारे नील -झील से नैन ,
और लहराते काले बाल.

8 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लाग जगत की दुनिया में आपका स्वागत है। आप बहुत ही अच्छा लिख रहे है। इसी तरह लिखते रहिए और अपने ब्लॉग को आसमान की उचाईयों तक पहुंचाईये मेरी यही शुभकामनाएं है आपके साथ
    ‘‘ आदत यही बनानी है ज्यादा से ज्यादा(ब्लागों) लोगों तक ट्प्पिणीया अपनी पहुचानी है।’’
    हमारे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

    मालीगांव
    साया
    लक्ष्य

    हमारे नये एगरीकेटर में आप अपने ब्लाग् को नीचे के लिंको द्वारा जोड़ सकते है।
    अपने ब्लाग् पर लोगों लगाये यहां से
    अपने ब्लाग् को जोड़े यहां से

    कृपया अपने ब्लॉग पर से वर्ड वैरिफ़िकेशन हटा देवे इससे टिप्पणी करने में दिक्कत और परेशानी होती है।

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