रविवार, 28 अप्रैल 2013

उनकी याद जब आयी

आज मैंने चाँद में तुम्हारा चेहरा देखा,
अनंत आकाश में सितारों से नाम लिक्खा था तुम्हारा,
तुम्हारे नील -निर्झर से लहराते बाल ,



औ झील सी आखें,मनो किसी चित्रकार ने,
आकाश के कैनवस पर तुम्हरा चित्र खींच दिया हो।
तुम फिर याद आयीं ,अक्सर याद आती हो मुझको,
सच्ची ,बहुत दिन हुयें तुम्हारी आवाज की बौझरों से-भीगा नहीं मै।।





 

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