क्षितिज
गुरुवार, 3 जून 2010
माँ के नाम
जिसकी सुकोमल कोख से यह जन्म पाने के लिए ,
पीकर पायो निधि धार जिसकी यह रूप पाने के लिए ।
हे, ममतामयी -म्रदुभाषणी-मातेंशवरी तुझको नमन ॥
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